धार्मिक मान्यतानुसार इनका जन्म आश्विन् सुदी एकम् को मर्यादा पुरुषोतमभगवान श्रीराम की चौंतीसवी पीढ़ी में सूर्यवशीं क्षत्रिय कुल के महाराजा वल्लभ सेन के घर में द्वापर के अन्तिमकाल और कलियुग के प्रारम्भ में आज से ५१८५ वर्ष पूर्व हुआ था। उनके राज में कोई दुखी या लाचार नहीं था। बचपन से ही वे अपनी प्रजा में बहुत लोकप्रिय थे। वे एक धार्मिक, शांति दूत, प्रजा वत्सल, हिंसा विरोधी, बली प्रथा को बंद करवाने वाले, करुणानिधि, सब जीवों से प्रेम, स्नेह रखने वाले दयालू राजा थे। महाराज अग्रसेन एक क्षत्रिय सूर्यवंशी राजा थे। जिन्होंने प्रजा की भलाई के लिए वणिक धर्म अपना लिया था। इनका जन्म द्वापर युग के अंतिम भाग में महाभारत काल में हुआ था। ये प्रतापनगर के राजा बल्लभ के ज्येष्ठ पुत्र थे।
Continue Reading
अग्रवाल समाज हमेशा से ही धन का श्रोत रहा है,श्री लष्मी जी कीे मरवाड़ी समाज पर विशेष कृपा रही है क्योकि मारवाड़ी समाज प्रारम्भ से ही परिश्रमी दृढ संकल्प और अपने कार्य के प्रति समर्पित रहा है,आज भी देश के व्यवसाय में एक बड़ी संख्या मारवाड़ियों की हैकुल मिलाकर कहने का तात्पर्य ये है की हम सुरुवात से ही लष्मीपुत्र है,देश के कोने कोने में हम बसे है,देश के कोई ऐसा कोना नहीं जहा कोई मारवाड़ी भाई न रहता हो हमारे सहनशक्ति उद्यम विपरीत परिस्थियों में भी कार्य करने की क्षमता के कारन देश के हर कोने में हमारी समृद्धि का डंका बजता है और हमने ही देश में अनेक गौशाला धर्मशाला मंदिर और पानी प्याऊ इत्यादि बनाकर विशेष रूप से सामाजिकता और सहृदयता का परिचय दिया है
Continue Reading
एक कविता पढ़ी ,इसे किसने लिखा मैं नहीं जानता मगर बहुत अच्छी लगी तो अपने ब्लॉग पर शेयर कर रहा हु
Continue Reading
किसी भी सामाजिक संस्था के कुछ ख़ास बाते जो आपको बहुत काम काम आएगी
Continue Reading