मुक्ति धाम,
हर किसी की आखरी मंजिल मुक्तिधाम है, कांटाबांजी का मुक्ति धाम बंगोमुंडा रोड में स्थित है, इसको सर्व सुविधा युक्त और सौन्दरीकरण के लिए यहाँ कई कार्य किये गए हैं। बरसात के समय यहाँ अंतिम क्रिया में असुविधा न हो इसके लिये स्थायी शेड बनाये गए है, इसके अलावा अंतिम यात्रा में आये लोगो के बैठने के लिए सुचारू व्यवस्था की गई है, इसके सौन्दर्यी करण के लिए वृक्षारोपण किया गया है , साथ ही मुख्य द्वार को पूरी तरह से पुनः निर्माण कर आकर्षक ढंग से बनाया गया है। छायादार वृक्षों की आवश्कता समझकर आवश्कतानुसार वृक्षारोपण निरंतर जारी है।फूलों के पौधे लगाये गए हैं।
इतिहास -
चिर काल से यही स्थान नगर में अंतिम संस्कार का स्थान रहा है , अंतिम क्रिया में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए समाज द्वारा समय समय पर यहाँ उचिव व्यवस्था सह वि निरंतर विकाश कार्य किये गए है ,
लगभग तीस वर्ष पूर्व इस भूखंड पर चारदीवारी का निर्माण एव बैठने के शेड श्री मणिलाल जी अग्रवाल के देखरेख में समाजबंधुओ के दान से सम्पन्न हुआ,
सत्र २०११ - १४ में अध्यक्ष श्री नंदकिशोर अग्रवाल एव सचिव श्री अशोक छापडिया के कार्यकाल में अंतिम क्रिया हेतु 2 शेड बनाये गये, सामने की दीवार उची करते हुए मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया गया,
सत्र २०१५-१७ में अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल(ब्रदर्स) एव सचिव श्री कैलाश चंद अग्रवाल के कार्यकाल में द्वितीय बैठने का शेड, ६ छतरी नुमा एकल शेड,अंतिम दर्शन के लिए चबूतरा, गार्ड रूम, स्टोर रूम, बनाया गया, चारदीवारी ऊँची की गयी, भीतर पैदल पथ का निर्माण करते हुए बागवानी की गयी,
सत्र २०१७-१९ में अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल( रूबी) एव सचिव श्री संजय अग्रवाल के कार्यकाल में मुक्तिधाम परिसर में एक बोरवेल बनवाया गया एव १३ दिन की क्रिया हेतु मुक्तिधाम के बाहर एक शेड बनाया गया,
सत्र २०१९-२१ में अध्यक्ष श्री कैलाश चंद अग्रवाल एव सचिव श्री अजय जैन के कार्यकाल में इसके प्रभारी द्वय श्री दीपक जैन एव निलेश लाठ के सहयोग से पीछे की चारदिवारी को ऊँचा किया गया,शववाहिनी रखने के लिए गेरेज निर्माण,हाथ पांव धोने के लिए नलो की व्यवस्था की गयी,पानी निकासी हेतु नाली निर्माण, सहित वृक्षारोपण और सौन्दर्यिकरण के कई विकास कार्य किये गए,